Disinvestment in india (विनिवेश)

भारत में विनिवेश
जिस प्रकार हम किसी वस्तु में, किसी कंपनी में किसी उद्यम में  पूंजी को  निवेश करते हैं उसी प्रकार जब हमारी पूंजी उस पार्टिकुलर उद्योग से निकाल लेते हैं तो उसको डिसइनवेस्टमेंट कहते है जिसमें हमारी जिम्मेदारी घटती है
भारत में काफी सारे पीएसयू हैं जैसे BPCL,LIC,IOC,CIL etc



विनिवेश का उद्देश्य
सरकार द्वारा अपना रिवेन्यू डिफिसिट को कम करना तथा सरकार आगामी योजना व वर्तमान योजना के संचालन के लिए  वित्तीय व्यवस्था  करना तथा एक वैश्विक पूंजीवादी (खुली अर्थव्यवस्था)अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना

विनिवेश के लाभ
1. राजकोषीय घाटे को कम करना
2. खुली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
3. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा 
4. सरकारी जिम्मेदारी को कम करना
5. वित्तीय प्रबंधन कर  सरकारी योजना में उसका प्रयोग करना
6. पीएसयू की दक्षता को बढ़ाना
7. सार्वजनिक क्षेत्र के  उपक्रम (PSU)से होने वाले घाटे को कम कर तथा इनकी क्षमता निर्माण करना वह देश के विकास में उनकी
 भागीदारी को बढ़ाना

विनिवेश की नुकसान /हानि
1. सरकार की पूंजी में कमी
2. भविष्य में पैसे जुटाने की क्षमता में कमी
3. दीर्घ अवधि संकट की संभावना जैसे सरकार को भविष्य में योजना के संचालन के लिए धन ना मिलना
4. निजी करण से उन लोगों के कल्याण में कमी आना शोषण बढ़ना तथा राज्य के नीति निदेशक तत्व की जिम्मेदारी निभानी में दुर्बलता आना

आगे का रास्ता
सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश को देखकर करना भविष्य के बारे में सोचना तथा निजी करण की प्रवृत्ति को धीरे-धीरे आगे बढ़ाना पीएसयू  के घाटे को घटाने के लिए इसमें प्राइवेट लोगों को कॉन्ट्रिब्यूशन को बढ़ाना तथा अपने पास इनकी यह 51% से अधिक अधिक जिम्मेदारी स्वयं के पास रखना


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