बिरसा मुंडा. जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में निर्धारित किया है
कौन थे बिरसा मुंडा
19वीं शताब्दी में बंगाल प्रेसिडेंट में पैदा हुए बिरसा मुंडा
जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखते थे अंग्रेजों के विरुद्ध
इनकी अहम भूमिका रही जनजातियों लोगों को अंग्रेजों के
विरुद्ध उन्होंने एकता के सूत्र में बांधा
15 नवंबर 1975 को बिरसा मुंडा का जन्म हुआ इनके गुरु जय पाल नाग थे
आजादी की लड़ाई भूमिका
सभी जनजातीय लोगों को एक सूत्र में बांधा अंग्रेजों के
खिलाफ खड़ा किया तथा जनजाति लोगों को ब्रिटिश रूल
के विरुद्ध खड़ा किया.
स्थानीय प्राधिकरण द्वारा किए गए जनजातीय लोगों के उत्पीड़न को खत्म करने के लिए बिरसा मुंडा जी ने लोगों को इकट्ठा किया तथा ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध सशक्त विद्रोह किया
अपनी मातृभूमि के संरक्षण में अहम भूमिका निभाई
जनजातीय लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को प्रबल किया
अपनी परंपरा संस्कृति तथा धर्म को संरक्षित किया
तथा छोटा नागपुर पठार के पास लोगों की एकता में वृद्धि करें
कैसे हुई मृत्यु
उन्नीस सौ में ब्रिटिश सरकार द्वारा इनको कैद में कर लिया गया तथा जेल में इनकी मृत्यु हो गई
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें