Delhi pollution (प्रभाव , करण) प्रदूषण के दीर्घकालिक निवारण
दिल्ली प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में सूचना जारी की गई है दिल्ली का प्रदूषण 533 बढ़ चुका है पिछले वर्ष की तुलना में यह घातक स्थिति है
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत कार्य करता है इसको वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण कानून के तहत शक्तियां दी गई है
दिल्ली प्रदूषण के प्रभाव
दिल्ली वासियों के स्वास्थ्य संबंधी निम्न प्रकार की बीमारी होती हैं
ह्रदय संबंधी बीमारी
उनके फेफड़ों कमजोर हो जाना
ट्यूबरकुलोसिस जैसी बीमारी में बढ़ावा देती हैं
कोविड-19 के दौरान यह घातक सिद्ध हुई है
लोगों की ऐसे में मृत्यु हो जाना तथा स्वास्थ्य व्यवस्था पर अत्यधिक भार बढ़ना
दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या के प्रमुख कारणों में से एक हैं
हरियाणा पंजाब के किसानों द्वारा वार्षिक रूप से फसल अपशिष्ट को जलाना या उनकी राज्य सरकार द्वारा उन्हें अपशिष्ट प्रबंधन हेतु व्यवस्था ना करना
लोगों के मुद्दे जन जागरूकता का अभाव ,पर्यावरण चुनौतियों को स्वयं की चुनौती न समझ कर सरकार पर थोपना
लोगों द्वारा सर्च निक वाहनों का कम प्रयोग करना तथा निजी वाहनों द्वारा यात्रा हेतु प्राथमिकता दे जाना
दिल्ली के गांव देहात एलपीजी पाइपलाइन का प्रचार ना होना
क्या है निवारण
एनसीआर वाले क्षेत्रों में इलेक्शन प्रोटेक्शन कंट्रोल कमीशन को जल्द स्थापित करना
एनसीआर वाले क्षेत्रों में स्मॉग टावर को स्थापित करना इसमें पीपीपी मॉडल एक अहम भूमिका निभा सकता
एनसीआर वाले क्षेत्रों खासकर दिल्ली में लोगों की मतदान जागरूकता को बढ़ावा देना लोगों को सार्वजनिक वाहनों में यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करना
दिल्ली की ग्रीन ब्लू पॉलिसी इसमें निर्णायक भूमिका निभा सकती है तथा आने वाले वर्षों में दिल्ली में पोलूशन नीचे करेगी ग्रीनरी को दुगना करेगी
एनसीआर वाले क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक्स व्हीकल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए
इन सभी प्रयासों के द्वारा दिल्ली में पॉल्यूशन का स्तर को कम किया जा सकता है तथा लोगों की आदतों में इसको अपना कर इस समस्या का सतत रूप से सामना करना आसान हो जाएगा
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