मनरेगा (वैकल्पिक रोजगार) gramin Kshetra ki Roshani
क्या है मनरेगा
1991 में नरसिम्हा राव सरकार ने मनरेगा को प्रपोज किया 2005 में मनरेगा एक्ट आया
इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारों को 100 दिनों का रोजगार प्रदान किया जाता है
क्या उद्देश्य
ग्रामीण जीवन में जीने के स्तर को उच्च करना है जीवन शैली को सक्षम बनाना है
विशेषताएं
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिनों का रोजगार प्रदान करता है
ग्रामीण लोगों को 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार देने की व्यवस्था
आवेदक को यदि 15 दिन के अंदर रोजगर नहीं मिलता है तो उसको बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाता है
ग्रामीण जीवन शैली में सुधार करना है तथा लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ बचत को बढ़ावा देना है
लोक डाउन के दौरान प्राप्ति
कोविड-19 के दौरान भारत सरकार द्वारा लगाए गए संपूर्ण लॉकडाउन के तहत व्यक्तियों ने शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास किया इसके अंतर्गत सरकार ने मनरेगा में सुधार किया तथा वेतन को बढ़ाया तथा राज्य सरकार से अच्छा समन्वय करके बड़ी बड़ी सार्वजनिक प्रोजेक्ट को पूरा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
उदाहरण के लिए
उड़ान के लिए ग्रामीण सड़क पंचायतें का निर्माण
चुनौतियां
योजनाओं की ऑडिटिंग ना होना
मजदूरों को समय पर पैसा ना मिलना या कम मिलना
सूचना व प्रसारण तकनीक का कम प्रयोग इसके अभाव में करप्शन को बढ़ावा मिलता है
मध्यस्थ व्यक्ति द्वारा व्यक्ति के जाली एप्लीकेशन बनाकर उसके हक का पैसा खा लेना
सरकारी पैसे का करप्शन की भेंट चढ़ जाना
आगे की रणनीति
सरकार द्वारा ई गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाना चाहिए तथा लोगों की आपसी सहकारिता एनजीओ सेल फल ग्रुप इत्यादि के द्वारा लोगो का शिक्षा का स्तर बढ़ाया जाए तथा दी गई सुविधा इत्यादि को सोशल ऑडट किया जाए
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